Monday, June 23, 2008
दुनिया जाए तेल लेने... ऐश तू कर।
मजा आता है जब लम्बे समय से चल रहे घिसे पिटे से रूटीन में कुछ बदलाव आता है। खासकर ऑफिस में हुए इस तरह के बदलावों के दौरान तो खूब मजा आता है.... आपको भी और लोगों को भी। बदलाव चाहे पॉजिटीव हो या नेगेटिव... बयानों और कानाफूसियों का वो दौर चलता है कि कुछ दिन तो सबकी बल्ले बल्ले। मुफ्त में गॉसिप का टॉपिक तो मिला ही साथ ही सामने वाले के मजे लेने का मौका भी। कुछ कोसने का दौर तो कुछ घूरती आंखें। पिछले दिनों कुछ ऐसे ही माहौल का आनंद उठाने का मौका मिला। मुझे अपने ही ऑफिस में इन दिनों नई जिम्मेदारी सम्भालने का मौका दिया गया है। मैं तो खूब एंजॉय कर रही थी लेकिन लोगों के तरह तरह के कमेंट्स मुझे और ज्यादा उत्साहित कर रहे थे। अपने राम तो बस इस थ्योरी पर चल रहे ते कि सुनो सबकी लेकिन करो मन की.... और वो भी खुशी खुशी। ये आनंद आप भी लेकर देखें।
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5 comments:
taruji aapne bilkul sahi likha hai. mei aap se sahamat hu.
bilkul durust farmaya aapne..
करिये जी खूब एंजॉय ..शुभकामनाऐं.
गए अपन तो तेल लेने !
लगता है सब के सब तेल लेने चले गये तभी तो तेल सबको रूलाने लगा है
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