Thursday, December 25, 2008

क्या होगा?


नए साल में नया क्या होगा...
वोही रात वोही दिन..
वही तुम और वही मैं।

झुटपुटे से निकलता चांद,
साथ के छिट-पुट तारे,
पर कौन हमारे...

छिटकी सी धूप,
अलसा के खोया रूप,
कैसा प्रतिरूप...

रात की आसमानी आंच,
इर्द गिर्द लहराता सा बोझ,
किसकी सोच....

दीमक सा दिखता घुन,
रोने लगी है धुन,
कहां रुनझुन....

बरगद की बटेर,
कुहरे की देर,
कौन सवेर...

तारीखों के ढेर,
दिनों के फेर...
कैलेंडरों की सेल...

नए साल में कुछ भी ना होगा नया
सिवाय नए अंकों के...
और मशरूम के जालों के भीतर से,
बाहर आती एक दुर्गंध की तरह,
निकल आएंगी कुछ गंधियाती गालियां...
जो देनी होंगी हमें अपने आप को,
अपने तंत्र को,
सरकार को,
नेताओं को...
और भी ना जाने किसे किसे...
इसमें नया क्या होगा?

19 comments:

Vinay said...

बहुत सुन्दर

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http://prajapativinay.blogspot.com/

"अर्श" said...

bahot khub likha hai aapne bhi dhero badhai apako...



arsh

P.N. Subramanian said...

यह तो बड़ा जोरदार है. आभार.

Madhup said...

अरे वाह! यह क्या बात हुई? कुछ तो नया होगा। कहीं तो नया होगा। कुछ नए लोग, कुछ नए विचार! कुछ नए चेहरे, और कुछ ऐसे अहसास जो जीवन को बदल कर रख दे। कही तो कोई दीपक होगा जो सूरज से भले न लड़े, निशा को हावी न होने देगा। मन के अहसासों का अच्छा चित्रण है। अच्छा लगा कुछ नया पढ़ कर।

डॉ .अनुराग said...

शायद कुछ उम्मीदे फ़िर सर उठाये ओर सच हो कुछ सपने .इस साल.....शायद

अभिषेक मिश्र said...

ऐसा नहीं की नए साल में कुछ भी नया नही होगा. कुछ उम्मीदें होंगीं, कुछ नए चेहरे मिलेंगे, जिनमें कुछ नए दोस्त भी बनेंगे. और साथ में होंगी हमारी-आपकी कुछ नई पोस्ट्स भी. हाँ रुटीन लाइफ में शायद सब वैसा ही रहे-बोझिल. यहाँ सहमत हूँ आपसे.

vipinkizindagi said...

बहुत सुंदर भाव

नीरज गोस्वामी said...

अद्भुत रचना...वाह ...वा... कमाल का लिखा है आपने...बधाई.
नीरज

विक्रांत बेशर्मा said...

बहुत खूब कहा आपने ...पर भी मुझे उम्मीद है ...कुछ तो ज़रूर नया होगा !!!! भावों की एक शानदार अभिव्यक्ति !!!!!!!!!!!

vijay kumar sappatti said...

shaayad ,is baras kuch accha ho jaayen .. ummeed to hamen rakhni hi hongi...

aapne bahut accha likha hai , badhai .

vijay

pls visit my blog : http://poemsofvijay.blogspot.com/

प्रदीप मानोरिया said...

bahut sundar aur sahaj kavita
नव वर्ष मंगल मय हो
आपका सहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो
प्रदीप मानोरिया
09425132060

ज़ाकिर हुसैन said...

बहुत ही सुंदर अभिवयक्ति!
आपको तथा आपके पूरे परिवार को आने वाले वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

sandeep sharma said...

वर्ष 2009 की हार्दिक शुभकामनाये !

shelley said...

achchhi rachna hai. par naye saal me aya or achchha karne ki koshish to ki hi ja sakti hai. apne star par chhota sa pryas kyoki aap v jaournalist hain

Arshia Ali said...

नये साल की मुबारकबाद कुबूल फरमाऍं।

Mohinder56 said...

एक उम्मीद पर दुनिया कायम है...नया जरूर कुछ होगा..

वैसे भी करोडों अरबों की भीड में सभी के लिये हर पल अच्छा ही हो ..कहा नहीं जा सकता और जो नया हो वो अच्छा भी हो सकता है बुरा भी... बदलाव की आशा रख सकते हैं हम और ईश्वर उस बदले परिवेश का सामना करने की शक्ति प्रदान करते रहें हमारी यही कामना है

Publisher said...

नये साल की मुबारकबाद

Dev said...

आपको लोहडी और मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ....

Anonymous said...

देर से आ पाया.
"छिटकी सी
अलसा के खोया रूप
कैसा प्रतिरूप"
अच्छी सोच और सुंदर रचना.

नव वर्ष आपकी लेखनी को नए आयाम दे इस आशा और विश्वास के साथ कि "सिबाय नए अंकों के ...... और भी न जाने किसे किसे." ऐसा न हो.